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अगर आप भी हैं अपने काग़ज़ी दस्तावेज़ों को संभालने से परेशान तो डिजिलॉकर (DigiLocker) करेगा आपका काम आसान !

डिजिलॉकर देगा आपको कई सुविधायें, जिससे कम होंगी आपकी बहुत सी दुविधायें !

Updated: 2022-04-05 20:56:00

Image Source - www.internethappyworld.com

आज आपको हर दूसरे भारतीय नागरिक के हाथ में मोबाइल नज़र आएगा , अरे भई नज़र आए भी क्यूँ ना ? हमारा भारत डिजिटल जो हो रहा है, पर क्या डिजिटल होने का मतलब सिर्फ़ स्मार्ट फ़ोन चलाना है , क्या डिजिटल होने का मतलब सिर्फ Whatsapp पर चैट करना या Youtube पर वीडियो देखना है ?  

नहीं ! 

डिजिटल होने का मतलब है की आप टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अपने कामों को मनोरंजक ,आसान और सुरक्षित रूप से करने में सक्षम बन पाएँ । ऐसे में हमारा ये पोस्ट आज आपको डिजिलॉकर (Digilocker) के बारे में कुछ अहम् जानकारी देगा ।

 

क्या है डिजिलॉकर ? 

डिजिलॉकर डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय की एक प्रमुख पहल है। यह एक ऐसी सुविधा है जिससे आप डिजिटल फॉर्मेट में अपने महत्वपूर्ण दस्तावेजों को सुरक्षित तरीके से डिजिलॉकर के अंदर रख सकते हैं और ज़रूरत पढ़ने पर उन्हें कहीं भी कभी भी इस्तेमाल कर सकते है ।

 

डिजिलॉकर क्या क्या सुविधाएँ देता  है ? 

1. डिजिलॉकर महत्वपूर्ण दस्तावेजों को सुरक्षित रखता है 

आपके पास कई पुराने सरकारी कागज़ी दस्तावेज़ होंगे ? हो सकता है आपके घर की रजिस्ट्री हो या स्कूल की मार्कशीट हो या आपका जाती प्रमाण पत्र हो  ,ये भी हो सकता है कि उनमे से कुछ जर्जर अवस्था में भी हों। ऐसे में आपको इन सारे दस्तावेज़ों को स्कैन करके अपने डिजिलॉकर एकाउंट में अपलोड कर देना चाहिए जिससे वो डिजिटल फॉर्मेट में सुरक्षित रहे। 

 

2. डिजिलॉकर डिजिटल दस्तावेज़ इशू कराने की सुविधा देता है

इसके द्वारा आप सरकारी दस्तावेज़ों जैसे प्रमाण पत्र , मार्कशीट आदि को कागज़ी ना लेकर डिजिटल फ़ाइल की तरह इशू करवा सकते हैं । आपके डिजिलॉकर अकाउंट में आपको असल डॉक्यूमेंट की एक लिंक मिलेगी जो की डॉक्यूमेंट इशू करने वाली एजेंसी या विभाग के डेटाबेस से हमेशा जुडी रहेगी , आप जब भी उस लिंक पर क्लिक करेंगे आपको आपका डॉक्यूमेंट दिखने लगेगा। इस लिंक को “URI” कहते हैं । 

 

3. डिजिलॉकर में मौजूद आई डी (Identity Card) को वैध प्रूफ़ की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है 

भारतीय रेलवे , RTO जैसे विभागों ने डिजिलॉकर के अंदर मौजूद ID को प्रूफ की तरह इस्तेमाल करने का निर्णय ले लिया है पर वो ID किसी सरकारी विभाग द्वारा इशू की गयी होनी ज़रूरी है अगर आपने खुद उस ID को डिजिलॉकर में अपलोड किया है तो उसे अमान्य माना जा सकता है ।

 

4. डिजिलॉकर आपको e-Sign की सुविधा देता है

ई-साइन सेल्फ-अटेस्ट के समान है जहां व्यक्ति यह दावा करता है कि दस्तावेज़ वास्तविक है। ई-साइन सुविधा का इस्तेमाल आयकर ई-फाइलिंग , बैंकों में खाता खोलने, वाहन पंजीकरण के लिए आवेदन या ड्राइविंग लाइसेंस नवीनीकरण, शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश आदि के लिए किया जा सकता है । 

 

5. डिजिलॉकर के क्लाउड पर आपको ज़्यादा स्पेस मिलता है 

इसमें आप 1GB तक के अपने डाक्यूमेंट्स रख सकते हैं पर ध्यान रहे की एक अकेला डॉक्यूमेंट 10 MB से ज़्यादा का नहीं होना चाहिए ।

 

डिजिलॉकर पर अपना नया एकाउंट बनाने के लिए नीचे दी गयी लिंक पर क्लिक करे। 

https://www.digilocker.gov.in/ 

 

 

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