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उन 5 बेश्कीमती हीरों के बारे में ज़रूर लें जान, जो एक वक़्त थे भारत की पहचान !

आज वो हीरे बड़ा रहे हैं दूसरे देशों का सम्मान।

Updated: 2022-03-28 19:15:00

हीरा भारत की ऐतिहासिक विरासत का हिस्सा रहा है। 2000 साल पहले से लेकर 19वी सदी में जब तक ब्राज़ील और अफ्रीका में हीरे के संसाधनो का पता नहीं चला था तब तक पूरी दुनिया में केवल भारत में हीरों का खनन किया जाता था।यही कारण है कि आज पूरी दुनिया में भारत के हीरों की चमक दिखाई देती है पर आज हम बात करने वाले हैं कुछ ऐसे हीरों के बारे में जो एक समय भारत की शान हुआ करते थे पर भारत में शासन करके गयी विदेशी रियासतों के कारण आज वो विदेशी संघ्रहालयों में अपनी चमक बिखेर रहे हैं।  

 

1. कोह-ए-नूर (Koh-i-Noor) 

 

कोहिनूर हीरा दुनिया के सबसे पुराने और सबसे प्रसिद्ध कीमती गहनों में से एक है क्योंकि इसका इतिहास 5,000 साल से अधिक पुराना है।  

कहाँ उत्पत्ति हुई - माना जाता है कि कोहिनूर आंध्र प्रदेश में गोलकुंडा खदानों से आया था। विभिन्न मुगल, फारसी, अफगान शासकों के अलावा अन्य लोगों के पास हीरे का स्वामित्व रहा है लेकिन 1849 में ब्रिटिश द्वारा पंजाब के कब्ज़े के बाद से वह ब्रिटिश महारानी विक्टोरिया के पास चला गया था ।  

वर्तमान में कहाँ है - लंदन (ब्रिटेन) ।  

क्राउन ज्वेल्स के हिस्से के रूप में हीरे को देखने के लिए आज लाखों लोग लंदन के टॉवर पर जाते हैं।  

  

2. होप हीरा (Hope Diamond) 

 

कहाँ उत्पत्ति हुई - माना जाता है कि इस हीरे की उत्पत्ति 17वीं शताब्दी में आंध्र प्रदेश के कोल्लर खदान में हुई थी। फ्रांसीसी रत्न व्यापारी जीन-बैप्टिस्ट टैवर्नियर ने होप और उसकी उत्पत्ति के बारे में लिखा था।  

वर्तमान में कहाँ है - लंदन (ब्रिटेन) ।  

1791 में चोरी होने के बाद, इसे फिर से तैयार किया गया और 'होप' नाम का अधिग्रहण किया गया, जब इसे लंदन में एक बैंकिंग परिवार के स्वामित्व वाले होप नामक एक रत्न सूची में देखा गया।  

 

3. ड्रेसडेन ग्रीन (Dresden Green) 

 

कहाँ उत्पत्ति हुई - कहा जाता है कि हीरा आंध्र प्रदेश में खनन किया गया था और इसका एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड है जो 1700 के दशक का है। 1742 में पोलैंड के ऑगस्टस III द्वारा खरीदा गया था ।  

वर्तमान में कहाँ है - न्यू यॉर्क, अमेरिका ।  

नवंबर 2019 में, इसे न्यूयॉर्क शहर में मेट्रोपॉलिटन म्यूज़ियम ऑफ़ आर्ट को ऋण पर भेजा गया था, परन्तु इसका स्वामित्व जर्मनी के पास है ।  

 

4. दरिया-ए-नूर (Dariya-i-Noor) 

 

  

दरिया-ए-नूर दुनिया के सबसे बड़े कटे हुए हीरों में से एक है और दुर्लभतम है। यह इसके हल्के गुलाबी रंग के कारण है।   

कहाँ उत्पत्ति हुई - यह हीरा भारत के प्रसिद्ध साम्राज्य विजयनगर आंध्रप्रदेश में खनन किया गया था और मूल रूप से काकतीय राजवंश के स्वामित्व में था, इससे पहले कि इसे खिलजी वंश और मुगल सम्राटों द्वारा चुराया गया , यह तब अन्य राजवंश नेताओं के माध्यम से पारित हुआ और अब यह ईरान के राष्ट्रीय ज्वेल्स के साथ रहता है जहां यह सबसे प्रसिद्ध हीरा है।  

वर्तमान में कहाँ है - तेहरान, ईरान ।  

 

5. नूर-उल-ऐन(Noor-ul-Ain) 

 

नूर-उल-ऐन दुनिया के सबसे बड़े गुलाबी हीरों में से एक है और इसकी उत्पत्ति दरिया-ए-नूर के समान ही है।  

कहाँ उत्पत्ति हुई - हीरा भारत में विजयनगर आंध्रप्रदेश की खदानों से आया था लेकिन इसे फारसी राजा नादर शाह और उनकी सेना द्वारा 18 वीं शताब्दी में दिल्ली को लूटने के बाद ईरान ले जाया  गया था। 1739 में यह ईरानी क्राउन ज्वेल्स का हिस्सा बन गया।  

वर्तमान में कहाँ है - तेहरान, ईरान ।  

 

इनके अलावा जैकब डायमंड(अब भारत में ), शाह डायमंड और ओर्लोव डायमंड(अब रूस में ) ,फ्लोरेंटाइन डायमंड तथा बड़ौदा का चांद(वर्तमान स्थान की पुष्टि नहीं हो पायी है) की भी उत्पत्ति भारत की खदानों से मानी जाती है ।  

 

धन्यवाद । 

 

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