आज अन्तर्राष्ट्रीय जल दिवस है और इस वर्ष की थीम है 'भूजल - अदृश्य को दृश्यमान बनाना' , इसलिए आज हमारे लिए भूजल के महत्व को समझना ज़रूरी है..
Updated: 2022-03-22 18:52:00
बढ़ती आबादी और ताजे पानी के स्रोतों के बढ़ते दोहन के कारण दुनिया भर के कई देश पानी की कमी का सामना कर रहे हैं। पानी के महत्व के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। इसका मुख्य लक्ष्य लोगों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित करना है । इस वर्ष की थीम है 'भूजल - अदृश्य को दृश्यमान बनाना' ।
तो आईये जानते की आखिर क्यों भूजल नष्ट होता जा रहा है ?
प्रमुख कारण हैं -
बढ़ती हुई जनसंख्या - जनसंख्या में तेजी से वृद्धि और भोजन की बढ़ती मांग के साथ, सिंचाई के तहत भूमि के क्षेत्र में विस्तार हो रहा है। इससे भारत में भूजल का अनियंत्रित दोहन हो रहा है।
प्राकृतिक कारण - भारत मुख्य रूप से ग्रीष्मकालीन मानसून वर्षा पर निर्भर है और कमजोर ग्रीष्मकालीन मानसून सूखे का कारण बन सकता है। ऐसी शुष्क अवधि के दौरान, विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए जमीन से पानी निकाला जाता है जिससे भूजल स्तर में कमी आती है।
अत्यधिक पंपिंग - भूजल को अधिक बार पंप करना भूजल की कमी का एक कारण है। भारत शीर्ष 10 भूजल निकालने वाले देशों की सूची में सबसे ऊपर है।
वनों की कटाई - जल स्तर को बनाए रखने में पौधे और पेड़ महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं असल में पेड़ों की जड़ें मिटटी को बाँध कर रखती हैं इससे वर्षा के दिनों में मिटटी बहती नहीं है और पानी मिटटी के बिच से सीप्ता हुआ भूजल में मिल जाता है जिससे भूजल का स्तर बढ़ जाता है।
हरित क्रांति -1960 के दशक के दौरान हरित क्रांति के आगमन और HYV (उच्च उपज देने वाली किस्म) के बीजों और उर्वरकों के उपयोग से भूजल संसाधनों का अत्यधिक उपयोग हुआ । आज भी पानी की ज़्यादा खपत करने वाली फ़सलें वहा उगाई जा रही हैं जहा पानी उतना पर्याप्त नहीं है।
आइये अब जानते हैं भूजल से होने वाले दुश्प्रभावों को..
खाद्य आपूर्ति में बाधाएं - भारतीय कृषि का एक बड़ा हिस्सा भूजल से सिंचाई पर निर्भर करता है। यदि भूजल की उपलब्धता में कठिनाई होती है तो कृषि उत्पादन में बाधा उत्पन्न होगी जिससे खाद्य की कमी हो सकती है ।
सिंकहोल का निर्माण - अक्सर, सिंकहोल तब बनते हैं जब पानी का स्तर कम हो जाता है। ये सिंकहोल इमारतों और टावरों के लिए खतरनाक हैं।
झरनों और झीलों में पानी की कमी - भूजल , नदियों और झीलों में पानी का आपस में संबंध है। नदियों में बहने वाले पानी की एक बड़ी मात्रा भूजल के रिसाव से आती है । भूजल स्तर में गिरावट से ऐसी धाराओं में जल प्रवाह कम हो सकता है और नदियाँ जल्दी सूख सकती हैं।
भूजल का दूषित होना - भूजल जो ज़मीन से बहुत नीचे चला जाता है वो अक्सर खारे पानी से मिलकत दूषित हो जाता है और पीने के लिए स्वस्थ नहीं बचता।
पेड़ ,पौधे, वनस्पति तथा मिटटी धीरे धीरे नष्ट हो जाते हैं ।
इसलिए आज जल दिवस के मौके पर हम सबको ये प्रण लेना चाहिए की हम कम से कम भूजल का दोहन करें और जितना ज़ादा हो सके हमारे आसपास पेड़ पौधे लगाए जिससे की भूजल बचाने के साथ साथ हम एक अच्छा पर्यावरण बनाने में अपना योगदान दे सकें ।
ALSO READ